आवृतबीजी पौधों के लक्षण Characteristics of Angiosperm Plants

आवृतबीजी पौधों के लक्षण Characteristics of Angiosperm Plants

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख आवृतबीजी पौधों के लक्षण (Characteristics of Angiosperm Plants) में। दोस्तों यहाँ पर आप  

आवृतबीजी पौधों के लक्षण के साथ आवृतबीजी पौधे क्या है? आवृतबीजी पौधे के भाग आदि पढ़ेंगे तो आइये शुरू करते है यह लेख आवृतबीजी पौधों के लक्षण:-

इसे भी पढ़े :अनावृतबीजी पौधों के लक्षण

आवृतबीजी पौधों के लक्षण


आवृतबीजी पौधे क्या है What are angiosperms

आवृतबीजी पौधों को एंजियोस्पर्म (Angiosperms) के नाम से भी जाना जाता है, यह पादपो का वह समूह है, इसके अंतर्गत वे सभी पादप शामिल किए गए हैं, जिनमें बीज पाए जाते हैं और बीज हमेशा किसी खोल या फिर फल के अंदर पाए जाते हैं, 

अर्थात साधारण भाषा में कहा जा सकता है, कि पादपो का वह समूह जिसमें बीजों का निर्माण होता है और बीज किसी आवरण या फिर फल के अंदर पाए जाते हैं, वह सभी आवृतबीजी पौधे होते हैं। 

आवृतबीजी पौधों के अंतर्गत सभी प्रकार के शाक, झाड़ियाँ और वृक्ष तीनों प्रकार के पेड़ पौधे आते हैं, इसीलिए यह पादपो का एक बहुत ही बड़ा समूह है जिन्हे आप अपने आसपास हमेशा ही देख सकते हैं। 

आवृतबीजी पौधों की परिभाषा Definition of Angiosperms

  1. पादप समूह जिनमें बीज प्राय: किसी खोल के अंदर या फिर फल के अंदर पाए जाते हैं आवृतबीजी कहलाते हैं।
  2. खोल के अंदर तथा फल में जिन पादपो में बीज उपस्थित होते हैं वह आवृतबीजी होते हैं।

आवृतबीजी पौधों के लक्षण Characteristics of Angiosperm Plants

  1. आवृतबीजी पौधों का सबसे बड़ा लक्षण होता है, कि यह जो पादप होते हैं, इनमें बीजों का निर्माण होता है और बीज किसी आवरण या फिर फल के अंदर उपस्थित होते हैं।
  2. आवृतबीजी पादपो में प्रजनन अंग पुष्प होता है, तथा दोहरा निषेचन (Double fertilization) दृष्टिगत होता है।
  3. आवृतबीजी विभिन्न प्रकार का पोषण (Nutrition) दर्शाते हैं यह प्रमुख रूप से परजीवी सहजीवी कीटभक्षी तथा स्वपोषी होने के साथ ही मृतोपजीवी भी होते हैं।
  4. यह पौधे सामान्य या स्थलीय होते हैं, लेकिन कुछ पादपो की प्रजातियाँ ऐसी भी होती हैं, जो जल में भी पाई जाती हैं।
  5. आवृतबीजी पादपो में संवहन तंत्र बहुत ही विकसित होता है तथा इनमें संवहन के लिए जाइलम और फ्लोएम ऊतक होते हैं।

आवृतबीजी पौधों के प्रकार Type of Angiosperm

आवृतबीजी पौधों को उनके विभिन्न लक्षणों के कारण दो प्रकार से वर्गीकृत किया गया है:- 

एकबीजपत्री पादप Monocotyledons

एकबीजपत्री पादप वे पादप होते हैं, जिनमें केवल एक ही एकबीजपत्र पाया जाता है और उनकी जो जड़े होती हैं वह अधिक विकसित नहीं होती हैं। 

एकबीजपत्री पादप में हमेशा पुष्पों के भाग तीन या फिर उनके गुणांक में होते हैं, जिनमें संवहन पूल में कैम्बिएम नहीं पाया जाता। 

महत्वपूर्ण एकबीजपत्री पादप तथा कुल Important monocotyledon plants and families

  1. कुल लिलीएसी :- लहसुन (Alliumsativum) प्याज (Alliumcepa) शतावर (Asparagus Racemosus) आदि 
  2. कुल ग्रेमिनी :- गेहूं (Triticum Aestuvum) मक्का (Zea Mays) गन्ना (Saccharum) ज्वार (Sorghum Vulgare) बाजरा (Pennisetum Typhoidenus) 
  3. कुल प्युजेसी :- केला (Musa Paradisica) 

द्वीबीजपत्री पादप Dicotyledons

ऐसे पादप जिनमें केवल दो बीजपत्र पाए जाते हैं, उन्हें द्विबीजपत्री पादप कहते हैं, जिनके संवहन पूल में कैम्बिएम उपस्थित होता है और उनके पुष्पों के भाग चार या पांच के गुणांक में ही होते हैं। 

द्विबीजपत्री पादपो की जो पत्तियाँ होती हैं, उनमें जालिकावत सिरा विन्यास दिखाई देता है, जबकि इनमें जो संवहन बंडल है वह वलयाकार रूप में व्यवस्थित होता है।

महत्वपूर्ण द्वीबीजपत्री पादप तथा कुल Important dicotyledonous plants and families

  1. कुल क्रूसीफेरी :- मूली (Raphanus Sativus) शलजम (Brassica Rapa) सरसों (Brassica Compestris) फूलगोबी (Brassica Oleracea) 
  2. कुल मालवेसी :- कपास (Gossypium herbaceum ) भिंडी (Hibiscus esculantys) गुड़हल (Hibiscus rosa sinensia) 
  3. कुल लेग्युमिनेसी :- मटर (Pisum Sativum) अरहर (Cajanus cajan) चना (Cicer arietinum) अशोक (Saraca indica) शीशम (Delbergia sisoo) 
  4. कुल सोलेनेसी :- आलू (Solenum tuberoaum) बैगन (Solenum melongena) टमाटर (Lycopersicum esculentum) 

दोस्तों यहाँ पर आपने आवृतबीजी पौधों के लक्षण (Characteristics of Angiosperm Plants) के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण तथ्य पढ़े, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े :-  

  1. मोनेरा जगत के लक्षण Monera kingdome Symptoms
  2. ब्रायोफाइटा के लक्षण तथा उदाहरण Brayophyta ke symptoms
  3. टेरिडोफाइटा के लक्षण तथा आर्थिक महत्व Tpridophyta ke symotoms
  4. कवक के मुख्य लक्षण तथा आर्थिक महत्व Main Symptoms of fungus
  5. थैलोफाइटा के मुख्य लक्षण तथा आर्थिक महत्व Thailophyta ke Symptoms

0/Post a Comment/Comments