पादप जगत का वर्गीकरण Classification of Plant kingdome

पादप जगत का वर्गीकरण Classification of Plant kingdome 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है इस लेख पादप जगत का वर्गीकरण, पादप जगत का वर्गीकरण PDF (Classification of Plant kingdome) में। 

दोस्तों इस लेख के द्वारा आप पादप जगत के समस्त पेड़ पौधों के बारे में यहां से जान पाएंगे तथा यह लेख सभी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक है,

क्योंकि यहां से विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं। यहाँ पर प्रमुख कांसेप्ट को लिया गया है, जिससे आप पादप जगत का वर्गीकरण तथा पादप जगत के बारे में आसानी से समझ पाएंगे:- 

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पादप जगत का वर्गीकरण

पादप जगत का वर्गीकरण Classification of Plant kingdome 

पादप जगत के अंतर्गत उन सभी बहुकोशिकीय प्रकाश संश्लेषी यूकेरियोटिक उत्पादक और स्वपोषी जीवन को रखा गया है, जो प्रकृति में स्थिर और चलायमान दोनों प्रकृति में देखने को मिल जाते हैं और उनको ही पादप (Plant) या पौधों के नाम से जाना जाता है। 

अब तक पादप जगत (Plant Kingdome) में लगभग 3.5 लाख प्रजातियों को उनके गुणों के आधार पर सम्मिलित किया जा चुका है। 

पादप जगत का वर्गीकरण Classification of Plant kingdome 

आधुनिक वर्गीकरण के द्वारा पादप जगत को निम्न तीन भागों में विभाजित किया गया है:- 

थैलोफाइटा Thallophyta

थैलोफाइटा अर्थात वे पादप जिनके शरीर एक थैलस (Thallus) के समान होता है। उन्हें थैलोफाइटा के अंतर्गत रखा गया है अर्थात ऐसे पौधों में शरीर जड़ तना पत्तियाँ इनका कोई विभेदीकरण नहीं दिखाई देता है, जबकि इनमें संवहनीय ऊतक जैसे, 

कि जाइलम फ्लोएम भी नहीं पाए जाते हैं। थैलोफाइटा के अंतर्गत प्रमुख रूप से शैवाल (Algae) कवक (Fungi) और जीवाणु (Bacteria) को स्थान दिया गया है।

ब्रायोफाइटा Bryophyta

ब्रायोफाइटा उन समस्त पौधों का एक ग्रुप होता है, जिनमें भ्रूण (Embryo) तो बनता है, लेकिन संवहनीय ऊतक जैसे, कि जाइलम फ्लोएम उपस्थित नहीं होते हैं। इन पौधों को अपने जीवन काल में आद्रता की आवश्यकता होती है, इसीलिए यह पौधे सबसे अधिक उन स्थानों पर पाए जाते हैं जहाँ पर नमी और छाया होती है। यह पौधे स्थलीय पौधे भी कहे जाते हैं, 

क्योंकि बहुत से वैज्ञानिक ब्रायोफाइटा समुदाय के पौधों को वनस्पति जगत का एंफीबियंस के नाम से जानते हैं। इस वर्ग का सबसे पहला और मुख्य पौधा युग्मकोदभिद्द (Gametophyte) होता है, जबकि इस वर्ग का सबसे बड़ा पौधा डासोनिया (Dasonia) है। 

यह पौधे ऐसे होते हैं, जिनमें जड़े अनुपस्थित होती हैं, जबकि पौधे थैलस के समान होते हैं जिनमें तने और पत्तियों के समान रचनाएं निकलने लगते हैं उदाहरण :- स्फेगनम

ट्रैकियोफाइटा Tracheophyta

ट्रैकियोफाइटा के अंतर्गत उन सभी पादपो को शामिल किया गया है, जिनमें संवहनीय ऊतक उपस्थित होते हैं।इस वर्ग के अंतर्गत अभी तक लगभग 2.75 लाख प्रजातियों को खोजा जा चुका है। इस भाग को तीन उपभागों में विभाजित किया गया है, जिनको हम निम्न प्रकार से समझते हैं:- 

1. टेरिडोफाइटा :- इस उपभाग के अंतर्गत उन पादपो को रखा गया है, जिनमें पुष्प नहीं आते हैं, जबकि खनिज लवण के संवहन के लिए संवहनीय ऊतक जाइलम फ्लोएम इनमें उपस्थित होते हैं। इन पादपो में इनका शरीर जड़ तना और पत्ती में विभेदित होता है, जबकि पुष्प और बीज का निर्माण यहां पर नहीं होता है।टेरिडोफाइटा को चार प्रकार से वर्गीकृत किया गया है:- 

  1. साइलोप्सिड़ा (Psilopsida) 
  2. लाइकोप्सिड़ा (Lycopsida) 
  3. सफीनोप्सिड़ा (Sphenopsida) 
  4. टेरोप्सिड़ा (Pteropsida) 

2. अनावृतबीजी :- इस उपभाग के अंतर्गत उन समस्त पेड़ पौधों पादपो को स्थान दिया गया है, जिनमें बीजों का निर्माण होता है और बीज नग्न अवस्था में पाए जाते हैं अर्थात इनमें जो बीजाण्ड विकसित होता है, उनमें बीज में खोल नहीं होते और बो फल में बंद नहीं होते हैं, क्योंकि इनमें अंडाशय का पूरी तरीके से अभाव होता है। यह पौधे बहुवर्षीय पौधे होते हैं और इसके अंतर्गत लगभग 900 प्रजातियों को अभी तक खोजा जा चुका है। इन पादपो में परागण वायु परागण के द्वारा होता है, जबकि इस वर्ग का सबसे बड़ा अंडाणु और शुक्राणु साइकस का ही होता है। इस वर्ग के अंतर्गत प्रमुख पादपो में पेड़ पौधों में साइकस के साथ ही चीड़ देवदार आदि आते हैं।

3. आवृतबीजी  :- इस उपभाग के अंतर्गत उन समस्त पेड़ पौधों पादपो को सीमित किया गया है, जिनमें बीज हमेशा फल के अंदर पाए जाते हैं, जिसमें शाक झाड़ियां वृक्ष सभी प्रकार के पेड़ पौधे आते हैं। इन पेड़ पौधों का प्रजनन अंग पुष्प होता है, जबकि दोहरा निषेचन भी दृष्टिगत होता है। यह पेड़ पौधे मृतोपजीवी परजीवी सहजीवी कीटभक्षी के साथ ही स्वपोषी प्रकार की प्रकृति प्रदर्शित करते हैं। इस उपभाग के पेड़ पौधे सामान्य रूप से तो स्थलीय होते हैं, किंतु कुछ ऐसे होते हैं जो जल में भी देखने को मिल जाते हैं इनको दो वर्गों मे बाँटा गया है :- 

  1. एकबीजपत्री :- एक बीजपत्री वे पौधे होते हैं, जिनके बीजों में केवल एक बीजपत्र ही देखने को मिलता है और जड़े अधिक विकसित नहीं होती है। इनके पुष्पों के जो भाग होते हैं वह तीन या उसके गुणांक में देखने को मिलते हैं। उदाहरण :- लहसुन शतावर
  2. द्वीबीजपत्री :- इन पेड़ पौधों के अंतर्गत वे पेड़ पौधे आते हैं, जिनकी बीजों में दो बीजपत्र देखने को मिल जाते हैं जबकि उनके पुष्पों के भाग चार या पांच के गुणांक में होते हैं। उदाहरण :- मूंगफली अरहर

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