पोषण के प्रकार Type of Nutrition
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख पोषण किसे कहते है, पोषण के प्रकार में (What is Nutrition)।
दोस्तों इस विषय से सम्बंधित कई तथ्य सीटेट, तथा शिक्षक परीक्षाओं में पूंछे जाते है, तो आइये शुरू करते है यह लेख पोषण किसे कहते हैं परिभाषा, पोषण किसे कहते है पोषण के प्रकार:-
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पादपो में पोषण के प्रकार Nutrition in plant
पादपो में पोषण दो प्रकार से होता है:-
स्वपोषी पोषण Autotrophic Nutrition
जब हरे पेड़ पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में स्वयं भोजन का निर्माण करते हैं तो उसको स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) कहते हैं। यह एक वह प्रक्रिया होती है जिसको प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के नाम से जाना जाता है, इस प्रक्रिया में हरे पौधे की पत्तियों में क्लोरोफिल (Chlorophyll) उपस्थित होता है जो बाहरी वातावरण से से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस (CO2) को प्राप्त करके तथा जड़ों से पानी को अवशोषित करके सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीजन गैस (O2) तथा भोजन (Food) का निर्माण कर लेते है, पेड़ पौधे इस भोजन को स्टार्च (Starch) के रूप में अपनी पत्तियां में संचित करके रखते हैं।
विषमपोषी पोषण Heterotrophic Nutrition
वे पेड़ पौधे जिनमें क्लोरोफिल (Chlorophyll) की अनुपस्थिति होती है वह अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते तथा अपने भोजन के लिए पूर्ण तथा आंशिक रूप से अन्य पेड़ पौधों तथा जंतुओं पर निर्भर करते हैं उसको हम विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition):के रूप में जानते हैं। जैसे कि अमरबेल एक वह पादप है, जो अपने भोजन के लिए दूसरे पेड़ पौधों पर निर्भर रहता है। यह अपनी जड़ों को दूसरे पेड़ पौधे की तने में पहुंचाता है और भोजन चूस लेता है, यह पौधा अपना भोजन अन्य पौधों से प्राप्त करता है जिसको हम परपोषी कहते हैं। पादपो में विषमपोषी पोषण कई प्रकार से देखने को मिलता है, जो निम्न प्रकार से है:-
- मृतोपजीवी पादप :- वे पादप जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थ से प्राप्त करते हैं, उनको मृतोपजीवी पादप (Saprophytic plants) कहा जाता है। यह पादप एक विशेष प्रकार का रसायन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थ पर छोड़ते हैं जिससे यह छोटे-छोटे सरल कार्बनिक पदार्थ में विघटित हो जाते हैं।
- कीटभक्षी पादप :- कुछ पेड़ पौधे ऐसे होते हैं, जिनमें नाइट्रोजन की कमी होती है और यह नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए कीटों का भक्षण करते हैं। उनकी संरचना कुछ इस प्रकार से बनी होती है, कि यह कीटों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और उनका भक्षण कर लेते हैं, यह भी विशेष प्रकार का रसायन छोड़ते हैं, जिससे कि उस कीट का पाचन हो जाता है। उदाहरण के लिए युट्रीकुलेरिया एक अच्छा कीटभक्षी पौधा है तथा घटपर्णी भी कीटभक्षी पौधा होता है।
- सहजीवी पादप :- वे पादप जो अपने भोजन के लिए एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, उनको सहजीवी के नाम से जाना जाता है। जैसे की लाइेकन इसका अच्छा उदाहरण है लाइेकन दो जीवों का एक ही भाग होता है, जिसमें कवक और शैवाल होते हैं कवक वह पादप होता है, जिसमें क्लोरोफिल उपस्थित नहीं होता जबकि शैवाल में क्लोरोफिल उपस्थित होता है। कवक शैवाल को एक स्थान, मिनरल्स प्रदान करता है, जबकि शैवाल प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में भोजन का निर्माण करता है और भोजन कवक को प्रदान करता है इस प्रकार का जीवन सहजीवी जीवन माना जाता है।
जंतुओं में पोषण के प्रकार Nutrition in Animals
जीवो को वृद्धि तथा विकास (Growth and Development) के लिए पोषक तत्वों (Nutrients) की जरूरत पड़ती है और यह पोषक तत्व जंतु विभिन्न प्रकार से प्राप्त करते हैं जीवो में पोषक तत्वों के ग्रहण करने की विधि के आधार पर पोषण निम्न प्रकार से होता है:-
पूर्णभोजी पोषण Omnivore nutrition
पूर्णभोजी पोषण को अंग्रेजी में होलोज़ोइक न्यूट्रिशन (Holozoic Nutrition) के नाम से जाना जाता है, जिसमें हेलो Holo का अर्थ होता है, पूरी तरह से और जोइक Zoic का अर्थ होता है जंतु के जैसा अर्थात जंतु के समान या प्राणी के समान, इस प्रकार ठोस या तरल पदार्थ को ग्रहण करना इसको प्राणीसम पोषण के नाम से भी जाना जाता है। यह पोषण (Nutrition) विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं का प्रमुख लक्षण होता है, जिसमें मेंढक मनुष्य, पक्षी आदि आते हैं। इसे चार प्रकार से समझाया गया है:-
- शाकाहारी:- शाकाहारी को अंग्रेजी में हरवीवर्स (harvivorous) के नाम से जाना जाता है। यह वे जीव जंतु होते हैं, जो अपने भोजन के रूप में पेड़ पौधों तथा उनसे प्राप्त होने वाले उत्पादों को ही कहते हैं इसके अंतर्गत गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी खरगोश आदि को रखा गया है।
- मांसाहारी:- मांसाहारी को अंग्रेजी में (Carnivorous) कारनिवरस के नाम से जाना जाता है। मांसाहारी वे जीव जंतु होते हैं, जो अपना भोजन शाकाहारी जीव जंतुओं को मारकर उनके मांस से प्राप्त करते हैं, इसके अंतर्गत शेर बाघ चीता तेंदुआ लोमड़ी आदि को रखा गया है।
- सर्वाहारी :- इस समूह के अंतर्गत उन जीव जंतुओं को शामिल किया गया है, जो अपने भोजन के लिए जंतु और पेड़ पौधों दोनों पर ही आश्रित रहते हैं जैसे कि मनुष्य।
- अपमार्जक : अपमार्जक वे जीव जंतु होते हैं, जो अपना भोजन मृत जंतुओं से प्राप्त करते हैं और मरे हुए जंतुओं को खाने की प्रक्रिया को अपमार्जन कहा जाता है ऐसा करने पर वातावरण को शुद्ध बनाए रखने में मदद मिलती है, उदाहरण सियार लकड़बग्घा गिद्ध चील आदि।
परजीवी पोषण Parasitic Nutrition
परजीवी पोषण को अंग्रेजी में पैरासाइटिक न्यूट्रिशन (Parasitic Nutrition) के नाम से जाना जाता है, जिसमें परजीवी में पारा (Para) का अर्थ है "बगल में" तथा साइट (Cytos) उसका अर्थ है "पोषण" इस प्रकार से कह सकते हैं, कि एक जीव दूसरे जीव पर भोजन के लिए आश्रित रहता तो उसको परजीवी पोषण कहते हैं तथा उन जीवों को जिन पर जीव भोजन के लिए निर्भर रहते है उनको पोषक कहा जाता है। इस प्रकार का पोषण कवक जीवाणु कुछ पौधे अमरबेल गोल कृमि टेपवर्म आदि आसानी से देखा जा सकता है।
मृतोपजीवी पोषण Saprophytic Nutrition
इस प्रकार के पोषण में जीव जंतु अपना भोजन मृत पौधों के अवशेषों से तथा जीव जंतुओं के अवशेषों से प्राप्त करते हैं। इसके अंतर्गत कुछ जीवाणु कुछ प्रोटोजोआ आते हैं। मृत्तजीवी को अपघटक के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह वह जीव जंतु होते हैं, जो जटिल कार्बनिक पदार्थो का विघटन करते हैं और उनको सरल कार्बनिक पदार्थो में बदलकर पर्यावरण को स्वच्छ तथा साफ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दोस्तों यहाँ पर पोषण किसे कहते है पोषण के प्रकार पोषण किसे कहते हैं परिभाषा (What is Nutrition) आदि पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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