शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य Objectives of Educational Administration

शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य Objectives of Educational Administration

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य (Objectives of Educational Administration) में। दोस्तों यहाँ पर आप शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य के साथ शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता पड़ेंगे। 

दोस्तों यह बीएड से सम्बंधित है तथा परीक्षाओं में पूछा जाता है, इसलिए यहाँ से आप नोट्स भी बना सकते हो। तो आइये शुरू करते है, यह लेख शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य:- 

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शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य


शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य Objectives of Educational Administration

शिक्षाविदों के द्वारा शैक्षिक प्रशासन में विभिन्न प्रकार के उद्देश्य बताए गए यहाँ पर सियर्स महोदय द्वारा जो शैक्षिक प्रशासन के प्रमुख तीन उद्देश्य बताए गए हैं उनको यहाँ पर बताया गया है:- 

  1. उचित अनुचित कार्यों के प्रति उपयुक्त दृष्टिकोण:- शैक्षिक प्रशासन में यह सबसे जरूरी होता है, कि जो भी व्यक्ति उचित कार्य करते हैं, उनको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जबकि जो भी व्यक्ति अनुचित कार्य करते हैं और अशोभनीय कार्य करते हैं, उन कार्यों को रोकने का काम होना चाहिए, क्योंकि उचित अनुचित का निर्णय शैक्षिक प्रशासन को ही लेना होता है और सबसे बड़ा उद्देश्य यही होता है, कि श्रेष्ठ और प्रगति में योग्य व्यक्तियों को प्रशंसा मिलनी चाहिए क्योंकि श्रेष्ठ और योग्य व्यक्तियों के कारण ही शिक्षण संस्था की उन्नति होती है, तथा शिक्षा व्यवस्था में सुधार होता है और शिक्षण व्यवस्था अच्छी बनती है, इसीलिए शैक्षिक प्रशासन का सबसे प्रमुख उद्देश्य होता है,उचित अनुचित कार्यों के प्रति अपना दृष्टिकोण मजबूत रखना जो उचित कार्य कर रहे हैं, उनको प्रोत्साहित करना और जो अनुचित कार्य कर रहे हैं उनको रोकना ताकि शिक्षण संस्थाएं अच्छी प्रकार से चल सकें और उनसे अधिक से अधिक समाज को लाभ प्राप्त हो सके।
  2. शैक्षिक आवश्यकताओ के अनुरूप निर्णय लेना:- प्रशासन शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुसार ही अपना कार्य क्षेत्र निर्धारित कर पाता है, शिक्षा को भी समाज के रूप में चलना होता है, शिक्षा की उन्नति के लिए सांस्कृतिक सामाजिक मनोवैज्ञानिक और सामुदायिक आदि जिन परिस्थितियों तथा कार्यकलापो की जरूरत होती है, उनके प्राप्ति के लिए शैक्षिक प्रशासन उचित निर्णय लेने का ठीक प्रयास करता है। अतः शैक्षिक प्रशासन का शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप निर्णय लेना और उसका अनुकरण करना इसका सबसे अच्छा उद्देश्य होता है, इसीलिए शैक्षिक प्रशासन के अंतर्गत, जो भी सुविधाएँ हैं, उनको सांस्कृतिक सामाजिक मनोवैज्ञानिक और सामुदायिक परिस्थितियों के अनुसार समाज की भलाई तथा शिक्षा में इस प्रकार से लगाना की जनमानस को उनसे लाभ मिल सके।
  3. शैक्षिक उपलब्धियों के लिए शैक्षिक प्रशासन को साधन बनाना:- यह बात तो सभी जानते हैं, कि शिक्षा का सबसे प्रमुख उद्देश्य होता है, बालकों का सभी प्रकार का विकास करना योग्य और कुशल नागरिकों का निर्माण करना कर्तव्य और उत्तरदायित्व निर्वाह, विज्ञान, तकनीकी आदि का ज्ञान साहित्य कलाकृति उद्योग आदि उन्नति करना शिक्षा के परिणाम स्वरुप ही होते हैं, इसीलिए सियर्स महोदय ने इन उद्देश्यों के लिए निम्न प्रकार से इसको समझाया है:- 

शिक्षा के क्षेत्र में बहुमुखी क्रियाकलापों और प्रगतिशील योजनाओं का ठीक प्रकार संचालन करना 

शिक्षा के क्षेत्र में संबंधित छात्रों अध्यापकों को संरक्षकों के साथ ही विभिन्न प्रकार के पदाधिकारी में अभय अट्टू विश्वास की भावना को उत्पन्न करना।

शिक्षा जगत में नवीन विधियों के साथ ही नए उपागमों की व्यवस्था करना तथा विकेंद्रीकरण तथा श्रम विभाजन द्वारा शैक्षिक ढांचे को अधिक मजबूत और प्रभावशाली बनाना।

शैक्षिक क्षेत्र को प्रगति पूर्ण तथा अघतन बनाने के लिए कार्य प्रणाली की क्षमता में वृद्धि करना तथा शैक्षिक क्षेत्र की उन्नति के लिए उचित निर्णय की व्यवस्था करना।

विभिन्न प्रकार की शैक्षिक गतिविधियों और योजनाओं में समन्यव स्थापित करना तथा शिक्षा के क्षेत्र में रिक्त पदों के लिए योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति करना।

शिक्षण संस्थानों में जो भी व्यक्ति तथा पदाधिकारी लगे हुए हैं उनकी सेवा सुरक्षा का प्रबंध करना तथा राज्य और केंद्र सरकार की शैक्षिक नीतियों का ठीक प्रकाशित क्रियान्वयन करना।

शैक्षिक क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक कर्मचारी को उसके अधिकार और उसके उत्तरदायित्वों का ज्ञान करना तथा जो भी संस्थाएं हैं, उनमें बाह्य समुदायों की सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रयास करना।

शैक्षिक संस्थानों की उन्नति हेतु भौतिक और मानवीय स्रोतों को एक साथ बनाने की योजना बनाना।

शैक्षिक प्रशासन के अंतर्गत कार्य करने वाले सभी स्तर के कर्मचारियों में पारस्परिक प्रेम भाईचारा उत्पन्न करना।

शिक्षा के क्षेत्र में हो रही समस्त गतिविधियों का मूल्यांकन करना तथा नवीन आवश्यकताओं नीतियों में और उद्देश्यों के अनुसार शैक्षिक प्रशासन में वांछित परिवर्तन करना। 

शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता Utility of Educational Administration

शिक्षा का प्रशासन एक प्रयोगात्मक पहलू होता है, क्योंकि शिक्षा का दार्शनिक सिद्धांत शिक्षा के उद्देश्यों को साकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है तो वही शिक्षा का मनोवैज्ञानिक सिद्धांत सीखने की विधियों की जानकारी प्रदान करता है, इसके अलावा अतिरिक्त प्रशासन शिक्षा के प्रयोगात्मक रूप की व्याख्या करने के लिए उत्तरदाई होता है। प्रशासन शिक्षा का गत्यात्मक पहलू होता है, साधारण तौर पर प्रशासन का तात्पर्य प्रबंधन नियंत्रण और व्यवस्था से होता है। 

संगठन तो प्रशासन का ही एक अंग है, जिसका संबंध व्यवस्था या क्रमबद्धता से लिया जा सकता है। प्रशासन और दर्शन में वही संबंध होता है, जो राष्ट्रीय सरकार और राष्ट्रीय संविधान में निहित है, संविधान के अंतर्गत नियम आदि की व्याख्या की जाती है और सरकार का कार्य है, कि उसको अनुसार कार्य करना। इसी प्रकार दर्शन सिद्धांत का प्रतिपादन करता है और प्रशासन उन सिद्धांतों के अनुसार प्रयोग दिखाता है, 

इस आधार पर प्रशासन के अंतर्गत विद्यालय के संचालन संबंधी सभी प्रकार के कार्य आ जाते हैं। सीधे तौर पर कह सकते हैं, कि शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति करने के लिए जो भी शिक्षण संस्थाएं होती हैं, उनके अंतर्गत समस्त प्रकार के पहलुओं पर नियंत्रण करना तथा सभी प्रकार की गतिविधियों को ठीक प्रकार से संचालित करके शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करना ही शैक्षिक प्रशासन के अंतर्गत आता है। सीधे तौर पर कह सकते हैं, कि शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए शैक्षिक क्षेत्र में होने वाले सभी प्रकार की गतिविधियों पर नियंत्रण करने के लिए होती है।

दोस्तों यहाँ पर शैक्षिक प्रशासन के उद्देश्य (Objectives of Educational Administration) के साथ ही शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता तथा अन्य तथ्य पड़े आशा करता हुँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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