कोर पाठ्यक्रम किसे कहते है What is core curriculum
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कोर पाठ्यक्रम के अनिवार्य विषय के साथ, कोर पाठयक्रम क्या है? कोर पाठ्यक्रम की विशेषताएं, कोर पाठ्यक्रम की सीमाएं भी पड़ेंगे, तो आइये दोस्तों शुरू करते है यह लेख कोर पाठ्यक्रम क्या है:-
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कोर पाठ्यक्रम क्या है what is core curriculum
कोर पाठ्यक्रम किसे कहते है :- वह पाठ्यक्रम जिसमें एक नहीं एक से अधिक पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया जाता है वह कोर पाठ्यक्रम कहलाता है। कोर पाठ्यक्रम एक ऐसा पाठ्यक्रम होता है, जिसमें कुछ अनिवार्य विषय (Compulsory Subject) होते हैं और कुछ ऐसे वैकल्पिक विषय (Optional Subject) होते हैं
जिनको छात्र तथा छात्राएं अपनी रुचि और क्षमताओं के आधार पर चुन सकते हैं, अर्थात साधारण भाषा में कह सकते हैं, कोर पाठ्यक्रम एक विभिन्न विषयों का लचीला मिश्रण है, जिसके अंतर्गत बालक तथा बालिकाएँ उन विषयों को चुन सकते हैं, जो उनकी क्षमताओं और रुचियों के आधार पर आधारित हो इस प्रकार से सभी छात्र तथा छात्राऐं शिक्षित हो सकते हैं।
कोर पाठ्यक्रम के उद्देश्य Aims Of Core Curriculum
कोर पाठ्यक्रम एक ऐसा लचीला पाठ्यक्रम होता है, जिसका उद्देश्य प्रमुख रूप से भारत को श्रेष्ठ तथा शिक्षित नागरिक प्रदान करना होता है। कोर पाठ्यक्रम का उद्देश्य व्यक्ति और समाज दोनों का विकास करना होता है, इसीलिए इसका संगठन इस प्रकार से किया गया है, कि विभिन्न रुचियों और क्षमताओं के बालक तथा बालिकाएँ भी इस पाठ्यक्रम
के द्वारा शिक्षित हो सकते हैं, क्योंकि इसमें उन सभी विषयों का समावेश किया गया है, जो विभिन्न क्षमता तथा दूसरों पर आधारित होते हैं। कोर पाठ्यक्रम का उद्देश्य बालकों को वास्तविक समस्याओं को सुलझाने का अनुभव देना और बालकों को भावी समस्याओं से लड़ने के योग्य बनाना होता है।
कोर पाठ्यक्रम के अनिवार्य विषय Compulsory Subject of Core Curriculum
कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत कुछ ऐसे विषय होते हैं, जो अनिवार्य होते हैं अर्थात उन विषयों को सभी छात्र तथा छात्राओं को पढ़ना ही होता है, कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत
1. स्वास्थ्य शिक्षा एवं शारीरिक प्रशिक्षण
2. कला संगीत एवं प्रयोगात्मक कार्य
3. विज्ञान
4. मानवीय एवं सामाजिक विषय
5. गणित
6. भाषा
इन सभी को अनिवार्य विषय के रूप में रखा गया है, जो भी छात्र तथा छात्राएँ कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनको इन सभी विषयों को पढ़ना होता है, क्योंकि यह सभी अनिवार्य विषय होते हैं, इसके अलावा कुछ वैकल्पिक विषय भी होते हैं, जिन्हें छात्र तथा छात्राएँ अपनी आवश्यकता अपनी रुचि तथा क्षमता के आधार पर चुन सकते हैं।
कोर पाठ्यक्रम की विशेषताएँ Features of Core Curriculum
- कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक ही ज्ञान को कई विषयों के द्वारा छात्र-छात्राओं को दिया जाता है।
- कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत अनेक विषय एक साथ सभी छात्र-छात्राओं को पढ़ाए जाते हैं।
- पाठ्यक्रम उन सभी अनुभवों पर अधिक बल देता है, जो कि छात्रों के लिए लाभकारी और समाज के लिए उपयोगी होते हैं।
- कोर पाठ्यक्रम का संगठन इस प्रकार से किया जाता है, कि उसमें बालक की योग्यता क्षमता रुचि आदि को ध्यान में रखा जाता है, इसलिए इस पाठ्यक्रम को बाल केंद्रित पाठ्यक्रम भी कहा जा सकता है।
- इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत जो भी विषय होते हैं, उसके शिक्षण के लिए समय निश्चित नहीं होता है।
- कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत बालकों को विभिन्न क्रियाओ के द्वारा वर्तमान और भावी समस्याओं का समाधान करने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
- इस पाठ्यक्रम में शिक्षकों को शिक्षण विधियों के चयन में स्वतंत्रता होती है, जबकि पाठ्यक्रम ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध स्थापित होता है।
कोर पाठ्यक्रम की सीमाएँ Limitation of Core Curriculum
- कोर पाठ्यक्रम का सबसे बड़ा दोष होता है, कि इस पाठ्यक्रम में पाठय सामग्री अपर्याप्त होती है और पाठय विषय का चयन भी समस्याओं के आधार पर ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है।
- इस पाठ्यक्रम के द्वारा छात्र तथा छात्राओं के सभी प्रकार के अनुभवों को स्थान नहीं मिलता है।
- कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत जो भी विषय पढ़ाए जाते हैं, उनको पूर्ण करने का कोई निश्चित समय नहीं होता, इसलिए शिक्षण में समय भी अधिक लगता है।
- कोर पाठ्यक्रम के द्वारा जो भी छात्र-छात्राएँ शिक्षित होते हैं वह कॉलेज में एडमिशन लेने की नियमों को पूरा नहीं कर पाते हैं।
कोर पाठ्यक्रम का शिक्षा में स्थान Core Curriculum in education
अगर हम बात करें कोर पाठ्यक्रम का शिक्षा में क्या स्थान है? तो सैद्धांतिक रूप से हम कह सकते हैं, कि कोर पाठ्यक्रम शिक्षा में बहुत ही उत्तम है, किंतु व्यावहारिक रूप से लागू करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कोर पाठ्यक्रम का शिक्षा में स्थान तो सर्वोपरी है, किंतु इसके संगठन और इसे लागू करने से पूर्व इस बात का भी ध्यान होना चाहिए,
कि विद्यालय में आवश्यक उपकरण सामग्री प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध है या नहीं अतः कोर पाठ्यक्रम के अंतर्गत जो भी आवश्यकता होती हैं उन सभी को ध्यान में रखकर आगे शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किये जाएँ तो कोर पाठ्यक्रम शिक्षा में महत्वपूर्ण स्थान निभा सकता है।
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