शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा Meaning and definition of educational psychology

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा Meaning and definition of educational psychology

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा तथा अर्थ (Definition and meaning of educational psychology) में।

दोस्तों इस लेख में आप मनोविज्ञान की एक प्रमुख शाखा शिक्षा मनोविज्ञान के बारे में जानेंगे, कि शिक्षा मनोविज्ञान क्या है? शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा 

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ क्या है? और मानव जीवन में इसका क्या महत्व है? शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र, विशेषताएँ तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं, आज का यह लेख शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा तथा अर्थ:-

इसे पढ़े:- मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा

शिक्षा मनोविज्ञान अर्थ एवं परिभाषा


शिक्षा मनोविज्ञान क्या है What is educational psychology

शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की एक शाखा है, जिसमें मनोविज्ञान के नियम व सिद्धांतों का उपयोग शिक्षा Education को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है

इसलिए उसे शिक्षा मनोविज्ञान Education Psychology कहा जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा ग्रहण किये जाने वाली शिक्षण विधियों Teaching Methods में सुधार,

शिक्षण पाठ्यक्रम (Teaching curriculum) आदि का अध्ययन, शिक्षा ग्रहण करने वाले व्यक्ति की रुचियों, आयु, तथा क्षमता के अनुसार किया जाता है।

अतः कहा जा सकता, कि मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनोविज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों का प्रयोग शिक्षा के सुधार में किया जाता है, उसे शिक्षा मनोविज्ञान कहा जाता है।

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ Meaning educational psychology

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ शिक्षा संबंधी मनोविज्ञान से है, क्योंकि शिक्षा मनोविज्ञान दो शब्दों से निर्मित हुआ है। शिक्षा और मनोविज्ञान से इसलिए जब मनोविज्ञान के सिद्धांत और नियमों को

शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है, तब इसको शिक्षा मनोविज्ञान कहा जाता है। मनोविज्ञान के सिद्धांतों का जिस क्षेत्र में निरूपण होने लगता है,

उसी के आधार पर उसकी अलग शाखा Branch भी बन जाती है, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान के नियमों और सिद्धांतों का प्रयोग होने से एक नई शिक्षा शाखा शिक्षा मनोविज्ञान के रूप में विकसित हो गई।

इसलिए शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ स्किनर (Skinner) ने इस प्रकार से कर दिया, कि शिक्षा मनोविज्ञान अपना अर्थ शिक्षा से जो सामाजिक प्रक्रिया है, और मनोविज्ञान से व्यवहार संबंधित विज्ञान है प्राप्त होता है।

अतः साधारण शब्दों में शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार (Human behavior) का अध्ययन करने वाला ही विज्ञान है।

शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा Defination of educational psychology

शिक्षा मनोवैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रकार की परिभाषाएँ दी है, जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं:- 

  1. क्रो व क्रो के अनुसार - शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करना है।
  2. स्किनर के अनुसार - शिक्षा मनोविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है, जिसका संबंध पढ़ने सीखने से है।
  3. प्रो. ट्रो के अनुसार - शिक्षा मनोविज्ञान वह है, जो शैक्षणिक परिस्थितियों का मनोवैज्ञानिक रूप से अध्ययन करता है।
  4. कॉलसनिक के अनुसार - शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान के सिद्धांतों और अनुसंधान का शिक्षा में प्रयोग है।

शिक्षा मनोविज्ञान की विशेषताएँ Features of Educational Psychology

स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:-

  1. शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान का व्यवहारिक रूप होता है।
  2. यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान कहलाता है।
  3. शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख केंद्र मानव का व्यवहार ही है।
  4. शिक्षा मनोविज्ञान अपनी खोजों के लिए वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करता है। 
  5. शिक्षा मनोविज्ञान निष्कर्षों का प्रयोग शिक्षा की समस्याओं के समाधान के लिए करता है।
  6. शिक्षा मनोविज्ञान यह भविष्यवाणी करता है, कि छात्र ने ज्ञान प्राप्त करने की कितनी क्षमता है।

शिक्षा मनोविज्ञान के कार्य क्षेत्र Work field of Educational Psychology

डग्लस तथा हॉलैंड ने कहा है, कि शिक्षा मनोविज्ञान की विषय सामग्री शिक्षा की प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यक्ति की प्राथमिक मानसिक जीवन तथा व्यवहार है। शिक्षा मनोविज्ञान में निम्नलिखित तथ्यों का अध्ययन किया जाता है:- 

  1. मानव विकास - शिक्षा मनोविज्ञान बालक के विकास की अवस्थाओं का अध्ययन करता है और यह वैज्ञानिक विधियों के द्वारा किया जाता है, इसमें विकास की तीन प्रमुख अवस्थाओं का अध्ययन सम्मिलित किया गया है, जिनमें शैशवावस्था, बाल्यावस्था और किशोरावस्था है।शिक्षा मनोविज्ञान (Educational psychology) में इन अवस्थाओं को ध्यान में रखकर बालक की शिक्षा का प्रबंध किया जाता है।
  2. साधारण बालकों का अध्ययन - विद्यालय में सभी प्रकार के बालक पढ़ने आते हैं, इसमें से कुछ पिछड़े बालक कुछ मंदबुद्धि बालक, कुछ समस्यात्मक बालक तथा कुछ प्रतिभाशाली बालक होते हैं, ऐसे बालक आसाधारण बालक कहलाते हैं। शिक्षा मनोविज्ञान में ऐसे बालकों का अध्ययन किया जाता है और ऐसे बालकों के लिए विशेष शिक्षा का प्रबंध किया जाता है ताकि वे सफलता की ऊंचाइयों को छू सके।
  3. व्यक्तिगत विभिन्नताओं का अध्ययन - सभी बालक एक समान नहीं होते उनकी रचना उनकी बौद्धिक स्तर तथा कुछ क्षमताएँ अलग-अलग प्रकार की होती हैं। शिक्षा मनोविज्ञान में यह अध्ययन किया जाता है, कि उनकी भिन्नता कैसी है, किस प्रकार से उन्हें शिक्षा दी जानी चाहिए। शिक्षा मनोविज्ञान यह भी बताता है, कि बालक को किस प्रकार से शिक्षा दी जानी चाहिए।
  4. अनुशासन संबंधी अध्ययन - प्रत्येक शैक्षणिक संस्था में अनुशासन (Dicipline) पर विशेष महत्व दिया जाता है और अनुशासन ही वह कला है, जिसके द्वारा विद्यार्थी का स्वरूप निखरता है। इसलिए विद्यालयों में ज्यादातर यह समस्या रहती है, कि अनुशासन कैसे स्थापित किया जा सके। यह समस्या शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा आसानी से सुलझाए जाती है। विद्यालय (School) में अनुशासन स्थापित करने के लिए शिक्षा मनोविज्ञान की सहायता ली जानी चाहिए।
  5. व्यक्तित्व का अध्ययन - व्यक्तित्व (Individuality) क्या होता है? साधारण भाषा में व्यक्तिक का जो अर्थ लगाया जाता है, मनोविज्ञान उस प्रकार के अर्थ को व्यक्तित्व नहीं कहते किन्तु अनेक शीलगुण व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। शिक्षा मनोविज्ञान में इन्ही सील गुणों का अध्ययन किया जाता है।
  6. मापन का मूल्यांकन - शिक्षा में मूल्यांकन (Evaluation) का विशेष महत्व होता है, शिक्षक और अभिभावक दोनों यह जानना चाहते हैं, कि विद्यार्थी ने कितना ज्ञान अर्जित किया है और भविष्य में वह कितना ज्ञान अर्जित कर सकता है। शिक्षा मनोविज्ञान में बुद्धि का मापन व्यक्तित्व मापन (Personality Measurement) और निष्पत्ति का मापन करके विद्यार्थी के गुणों का मूल्यांकन आसानी से किया जा सकता है।
  7. सीखना - सीखना जगत की सबसे बड़ी समस्या रहती है। शिक्षक यह जानने के लिए उत्सुक रहता है, कि विद्यार्थी कैसे सीखना चाहता है और मनोविज्ञान इसमें प्रभावी कदम उठाता है। मनोवैज्ञानिक सीखने के नियम सीखने का सिद्धांत आदि के द्वारा इस समस्या पर विजय प्राप्त कर लेते है।
  8. थकान एवं रुची का अध्ययन - शिक्षा मनोविज्ञान में यह भी जानकारी दी जाती है, कि बालकों में थकान क्यों होती है? और बालकों बालिकाओं की मानसिक थकान (Mental fatigue) और शारीरिक थकान (Physical fatigue) किस प्रकार से दूर की जा सकती है? उन्हें क्या-क्या कमी है? जिनसे उनके शारीर में थकान उत्पन्न होने लगती है। इन सभी आंकड़ों के द्वारा शिक्षा मनोविज्ञान इन सभी समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  9. अध्ययन की विधियाँ - शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पत्ति 1900 में हुई थी। इस प्रकार शिक्षा मनोविज्ञान अभी अपनी शैशवावस्था में ही है। प्राचीन अध्ययन पद्धतियाँ सभी स्थानों पर उपयुक्त नहीं होती इस कारण नवीन विधियों का विकास किया जाना चाहिए. ऐसा करना शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत ही आता है।
  10. पाठ्यक्रम का निर्माण - सभी छात्रों के लिए एकसा पाठ्यक्रम (Syllabus) नहीं बनाया जा सकता क्योंकि यह बालकों की रुचियों क्षमता तथा आयु और आवश्यकताओं के ऊपर निर्भर करता है। अत: पाठ्यक्रम का निर्माण बालकों की रुचियों अभिरुचि आयु क्षमता के आधार पर किया जाता है, यह सब शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत आता है।
  11. शिक्षण विधियों का अध्ययन - सीखने के लिए व सिखाने के लिए जिन शिक्षण विधियों का प्राचीन काल में अध्ययन किया जाता था, उपयोग किया जाता था वह अब प्रभावशाली नहीं हो रही है। इसीलिए नई शिक्षा पद्धतियों नई शिक्षा विधियों का प्रयोग शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत ही आता है, जिससे शिक्षण विधियों में सुधार लाया जा सके।

शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता Utility of Education psychology

शिक्षा ही एक वह माध्यम है जो व्यक्ति को पूर्ण इंसान बनाती है, वरना अनपढ़ इंसान पशु के समान माना जाता है, इसलिए शिक्षा सभी के जीवन के लिए उपयोगी है अतः शिक्षक की आवश्यकता शिक्षा देने के लिए होती है, कियोकि शिक्षा देना

शिक्षक का काम होता है, इसलिए शिक्षक के पास मनोविज्ञान अर्थात मनुष्य के व्यवहार का अध्ययन सम्बधी योग्यता अवश्य होनी चाहिए, कियोकि इसके बिना शिक्षण सफल नहीं हो सकता है।

इसलिए शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता शिक्षक को पडती है, जिसके अंतर्गत उसे जानकारी मिलती है की किस छात्र को किस तरीके से पढ़ाया जाये कोनसी शिक्षण विधियाँ उपयोग में लाई जाये कोनसी शिक्षण सामग्री कोनसी दशाओं में शिक्षण

को प्रभावी बनाया जाये आदि। शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा ही शिक्षक छात्र की रूचि - अरुचि उसकी बौद्धिक क्षमता आदि का आंकलन कर बेहतर शिक्षण प्रदान कर सकता है, जिसमें शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों लाभान्वित होते है।

दोस्तों इस लेख में आपने शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा (Definition and meaning of educational psychology) शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ तथा परिभाषा पढ़ी, आशा करता हुँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा।

FAQs for Educational Psychology

शिक्षा मनोविज्ञान के जनक कौन है?

शिक्षा मनोविज्ञान के जनक गेस्टाल्टवादी विचारधारा के महान मनोविज्ञान थार्नडाइक हैं।

शिक्षा मनोविज्ञान की शुरुआत कब हुई?

शिक्षा मनोविज्ञान की शुरुआत लगभग 1900 ई. में मानी जाती है।

शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ क्या है?

शिक्षा के क्षेत्र से जुडी विभिन्न समस्याओं का मनोविज्ञान द्वारा हल शिक्षा मनोविज्ञान कहलाता है।

  • इसे भी पढ़े:-
  1. बाल विकास का अर्थ Meaning of Child Development
  2. बाल विकास की अवस्थाएँ Stage of Child Development


0/Post a Comment/Comments