ओवरहेड प्रोजेक्टर क्या है What is overhead projector
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख ओवरहेड प्रोजेक्टर क्या है (What is overhead projector) में।
दोस्तों इस लेख के अंतर्गत आप ओवरहेड प्रोजेक्टर के भाग ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ तथा सीमाओं के साथ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जान पाएंगे, तो आइये दोस्तों पढ़ते हैं यह लेख ओवरहेड प्रोजेक्टर क्या है:-
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ओवरहेड प्रोजेक्टर क्या है What is overhead projector
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, कि वह युक्ति Device जिसमें दर्शायी जाने वाली सामग्री दिखाने वाले के पीछे तथा उसके सिर के ऊपर से आती है उसे ओवरहेड प्रोजेक्टर के नाम से जाना जाता है।
इसमें एक पारदर्शी छाया समतल रूप में रोशनी के स्रोत पर प्रस्तुत की जाती है और रोशनी इस पारदर्शी वस्तु के पास से गुजरती है फिर पर्दे इमेज के रूप में प्रतिबिंबित हो जाती है, इसको ही ओवरहेड प्रोजेक्टर के नाम से जाना जाता है। ओवरहेड प्रोजेक्टर का सबसे पहले प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सिपाहियों को प्रशिक्षण (Training) देने में किया गया था।
इसके पश्चात शिक्षा के क्षेत्र में इसने एक उल्लेखनीय भूमिका (Important Role) निभाई तथा एक संप्रेषण का सशक्त माध्यम बनके शिक्षा पटल पर उभरा है। इसके द्वारा किसी भी विषय से संबंधित विषय वस्तु पर विभिन्न ट्रांसपेरेंसीज निर्मित होती है
और इनको किसी एक पर्दे पर या फिर दीवार पर प्रक्षेपित किया जाता है। प्रोजेक्टर को किसी भी कक्षा में एक मेज पर रखकर अध्यापक विद्यार्थियों की तरफ मुख करके प्रोजेक्टर में ट्रांसपेरेंट रखता है और प्रोजेक्टर को संचालित करता है तथा आवश्यकता अनुसार व्याख्या करके प्रभावों और तरीकों से विद्यार्थियों को शिक्षित (Educate) करता है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर के भाग Part of overhead projector
ओवरहेड प्रोजेक्टर की निम्न चार भाग होते हैं
- कैबिनेट
- प्रोजेक्शन लैंप
- लैंप को ठंडा करने के लिए पंखा
- फॉकस व्यवस्था
कैबिनेट :- कैबिनेट (Cabinet) ओवरहेड प्रोजेक्टर का मुख्य भाग होता है, जो 39×325×265 सेंटीमीटर आकार की स्टील की बॉडी या फिर प्लास्टिक की बॉडी से निर्मित होता है, जिसके अंतर्गत एक पंखा (Fan) प्रोजेक्शन लैंप (Projection Lamp) तथा पावर असेंबली (Power Assembly) पाई जाती है।
प्रोजेक्शन लैंप :- प्रोजेक्शन लैंप का मुख्य कार्य प्रकाश की व्यवस्था करना होता है, जिसके अंतर्गत प्रोटेक्शन बल्ब तथा बल्ब होल्डर आते हैं। इसमें 600 वाट के 240 वोल्ट के हेलोजन बल्ब लगे होते हैं।
ठंडा करने के लिए पंखा :- हेलोजन बल्ब जलने से गर्मी उत्पन्न होती है तथा उस गर्मी के कारण बल्ब तथा कैबिनेट के ऊपर लगी हुई सीसे की प्लेट टूटने का डर बना रहता है, इसीलिए एक पंख लगा होता है, जो अतिरिक्त गर्मी को बाहर निकाल देता है। यहाँ पर एक ऐसा ऑटोमेटिक सिस्टम होता है, कि 35 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान होने पर हेलोजन बल्ब जलना स्वतः ही बंद हो जाते हैं।
फॉकस व्यवस्था :- फॉकस व्यवस्था में शीशे की प्लेट से निकलने वाले प्रकाश किरण को स्क्रीन पर केंद्रित तथा नियंत्रित करने के लिए एक विशेष प्रकार के लेंस का प्रयोग किया जाता है, जो एक फ्रेम में कसा होता है तथा स्टैंड पर जुड़ा हुआ होता है, तथा कैबिनेट के एक तरफ कोने में लगा होता है। इसको आवश्यकता अनुसार नियंत्रित करके फॉकस स्क्रीन पर प्राप्त किया जाता है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ Benifit of overhead projector
- दर्शकों का चेहरा:- ओवरहेड प्रोजेक्टर का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि ओवरहेड प्रोजेक्टर को संचालित करने वाला अध्यापक का चेहरा छात्रों की ओर होता है तथा वह देख पता है, कि छात्र किस प्रकार से अधिगम कर रहे हैं तथा छात्रों के हाव-भाव आदि को भी अध्यापक ठीक प्रकार से भली भांति समझ सकता है।
- विशाल चित्र:- ओवरहेड प्रोजेक्टर के द्वारा एक स्पष्ट तथा विशाल चित्र प्रदर्शित होता है, जिसके माध्यम से छात्र आसानी से किसी भी विषय वस्तु को समझ सकते हैं।
- रोशनी का कैमरा:- ओवरहेड प्रोजेक्टर को उपयुक्त रोशनी वाले कमरे में जहाँ पर शिक्षक और विद्यार्थियों के मध्य एक इंटरेक्शन Interaction बना रहे अर्थात अध्यापक तथा शिक्षक दोनों एक दूसरे के भावों को पहचान सके में संचालित किया जाता है।
- प्रयोग के साथ पहचान :- ओवरहेड प्रोजेक्टर का उपयोग करके कोई भी शिक्षक विषय वस्तु का प्रदर्शन कार्य होता है तो दर्शक और संचालक दोनों ही उसको देखने में सक्षम होते हैं।
- लचीलापन :- ओवरहेड प्रोजेक्टर को संचालित करना उसपर विषय वस्तु को प्रस्तुत करना बहुत ही लचीला होता है। इसके द्वारा शिक्षक अपनी संपूर्ण कक्षा को नियंत्रित करके रखता है तथा विद्यार्थियों में सामंजस्य बैठा कर रखता है।
- व्यक्तिगत प्रस्तुतीकरण :- ओवरहेड प्रोजेक्टर में व्यक्तिगत प्रक्रिया संभव होती है, क्योंकि प्रोटेक्शन वस्तु को बनाने वाले के अनुसार प्रयोग किया जा सकता है।
- गृह निर्मित वस्तु:- ओवरहेड प्रोजेक्टर के द्वारा वस्तुओं को बहुत ही कम समय में प्रभावपूर्ण तरीके से दर्शाया जाता है, तथा एक बार में पारदर्शिता Transparency बन जाती है तो वह स्थायित्व प्राप्त कर लेती है।
ओवरहेड प्रोजेक्टर की सीमाएँ Limitation of overhead projector
- ओवरहेड प्रोजेक्टर को चलाने के लिए विद्युत Electricity की आवश्यकता होती है, बिना विद्युत के ओवरहेड प्रोजेक्टर को नहीं चलाया (Operate) जा सकता।
- ओवरहेड प्रोजेक्टर की व्यवस्था प्रत्येक विद्यालय School में नहीं की जा सकती, क्योंकि ओवरहेड प्रोजेक्टर अन्य के तुलना में अधिक महंगा (Costaly) होता है।
- ओवरहेड प्रोजेक्टर से किसी भी कक्षा के छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने से पूर्व शिक्षक को ओवरहेड प्रोजेक्टर चलाना आना चाहिए, इसके लिए शिक्षक को पहले प्रशिक्षण (Training) प्राप्त करना होता है।
- ओवरहेड प्रोजेक्टर के द्वारा, जो भी विषय वस्तु तथा जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित की जाती है। वह एक निश्चित समय के लिए ही रहती है। लंबे समय तक के लिए उसको स्क्रीन पर प्रदर्शित करके नहीं रखा जा सकता।
- ओवरहेड प्रोजेक्टर का उपयोग उच्च शिक्षा Higher Education के लिए होता है, छोटे बच्चों और छोटी कक्षाओं के लिए ओवरहेड प्रोजेक्टर का कोई भी लाभ नहीं होता।
ओवरहेड प्रोजेक्टर पेपर / ओवरहेड प्रोजेक्टर प्राइस Overhead projector price
ओवरहेड प्रोजेक्टर कई कम्पनियो के आते है जो अलग अलग प्राइस में होते है। जैसे की Epson कंपनी का Display Type LED प्रोजेक्टर Halogen Lamp
24V-250 W Double Lamp Portable जिसकी Focal Length 300 mm है उसकी ऑनलाइन कीमत 20000₹ है। इसके आलावा प्रोजेक्टर की क्वालिटी के आधार पर 100000₹ तक की कीमत के भी OHP आपको ऑनलाइन तथा मार्केट में आसानी से मिल सकते है।
दोस्तों यहाँ पर आपने ओवरहेड प्रोजेक्टर क्या है? (What is overhead projector) ओवरहेड प्रोजेक्टर के भाग, ओवरहेड प्रोजेक्टर के कार्य, ओवरहेड प्रोजेक्टर के लाभ आदि तथ्य पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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