प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं Prathmik chikitsa kise kahate hain

प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं Prathmik chikitsa kise kahate hain

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं (Prathmik chikitsa kise kahate hain) में। दोस्तों यहाँ पर आप प्राथमिक चिकित्सा क्या है? प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ, 

प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा, प्राथमिक चिकित्सा के उद्देश्य, प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत, प्राथमिक चिकित्सक के गुण आदि कई तथ्य पड़ेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं? प्राथमिक चिकित्सा क्या है:- 

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प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं


प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं Prathmik chikitsa kise kahate hain

प्राथमिक चिकित्सा क्या है:- मनुष्य का शरीर एक बहुत ही जटिल जैविक तंत्र होता है और मनुष्य के शरीर की प्राथमिक यूनिट या इकाई कोशिका होती है, कई कोशिकाएं मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं और कई ऊतक अंग का निर्माण करते हैं, 

कई अंगों के मिलने से अंग तंत्र बनते हैं और कई अंगतंत्र के मिलने से शरीर बनता है, इस प्रकार से हर एक अंग का अलग-अलग कार्य होता है और यह अलग-अलग क्रियाएँ संपादित करते हैं, जब मनुष्य का शरीर किसी भी प्रकार से दुर्घटनाग्रस्त होता है तो ऐसी स्थिति में उस दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति उसकी दशा आदि का निर्णय करके डॉक्टर के आने से पहले ही उसके जीवन को खतरे से बाहर निकालना तथा उसको आराम प्रदान करने वाली चिकित्सा प्राथमिक चिकित्सा कहलाती है। 

प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ Meaning of first aid 

मनुष्य का शरीर एक जीता जागता यंत्र होता है और इसकी सुरक्षा करना बहुत ही आवश्यक होता है। मनुष्य का शरीर एक ऐसा इतना जटिल तंत्र होता है कि इसमें बहुत सारी क्रियाएँ संपन्न होती हैं और उन क्रियाओ को करने के लिए अलग-अलग अंग होते हैं 

जो विभिन्न प्रकार के होते हैं और विभिन्न प्रकार से संचालित होते हैं। यदि कभी इन अंगों में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत आती है या फिर शरीर का कोई भी अंग दुर्घटनाग्रस्त होता है तो कई बार हमें तुरंत डॉक्टर की सहायता नहीं मिल पाती है तब इस कठिनाई से इस दुर्घटनाग्रस्त शारीरिक अंगों को राहत पहुंचाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसीलिए साधारण भाषा में प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ होता है, कि जब शरीर में कोई भी दिक्कत आती है कोई भी परेशानी आती है ऐसी स्थिति में बिना डॉक्टर के उस स्थिति से निपटने उसे स्थिति को कम करने की क्षमता को ही प्राथमिक चिकित्सा कहा जाता है।

प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा Definition of first aid 

  1. डॉक्टर के पहुंचने से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को दी देने वाली चिकित्सा सहायता जिससे व्यक्ति स्वास्थ्य हो सके प्राथमिक चिकित्सा कहलाती है।
  2. ऐसी स्थिति जब भी कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है तो उस दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को डॉक्टर के आने से पहले ही आराम प्रदान करने वाली उसे जीवन के खतरे से बाहर करने वाली तकनीकी प्राथमिक चिकित्सा होती है। 

प्राथमिक चिकित्सा के उद्देश्य Objective of First Aid 

  1. तुरंत सहायता:- प्राथमिक चिकित्सा का सबसे पहला उद्देश्य होता है, कि दुर्घटनाग्रस्त होते ही तुरंत ऐसी आवश्यक चिकित्सा प्रदान करना जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की घबराहट तथा अन्य परेशानियां दूर हो और उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ने न पाए।
  2. जीवन रक्षा करना:- जब भी कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो कई बार इस प्रकार से दुर्घटनाग्रस्त होता है कि उसके शरीर से अधिक मात्रा में रक्त बहने लगता है और अगर ऐसी स्थिति में वहां पर डॉक्टर की उपलब्धता नहीं हैतो प्रश्न होता है, कि वह उस रक्त को बहने से कैसे रोके क्योंकि जब तक डॉक्टर आएगा तब तक रक्त ज्यादा निकल जाएगा और फिर उसको बचाना मुश्किल हो जाएगा, इसलिए प्राथमिक चिकित्सा के द्वारा रक्तस्राव को रोकना दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जीवन रक्षा करने के बराबर होता है।
  3. अस्थाई चिकित्सा:- जो प्राथमिक चिकित्सा होती हैं यह केवल अस्थाई चिकित्सा होती है, जब तक डॉक्टर ना आये स्थायी चिकित्सा शुरू होते ही प्राथमिक चिकित्सा को रोक दिया जाता है, और डॉक्टर घायल व्यक्ति को उचित चिकित्सा देता है और उसकी परेशानियों को दूर कर देता है।

प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत Principles of first aid

प्राथमिक चिकित्सा को प्रभावी और अधिक आवश्यक बनाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा के कुछ सिद्धांत होते हैं, जिनका पालन किया जाए तो प्राथमिक शिक्षा बहुत अच्छी तरीके से दी जा सकती है।

तुरंत चिकित्सा:- प्राथमिक चिकित्सा का पहला सिद्धांत होता है, कि यदि कोई भी व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त होता है तो उसको तुरंत जरूरी आवश्यक चिकित्सा उपलब्ध कराना ताकि उसके जीवन को संकट से टाला जा सके।

रोग निर्णय :- जब भी कोई व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो उसको बाहरी और भीतरी दोनों प्रकार की चोट लग सकती है, इसलिए सबसे पहले इस बात का निर्णय जरूर कर लेना चाहिए, कि चोट कैसे लगी है और चोट कहाँ लगी है और उसका प्राथमिक उपचार किस प्रकार से किस हद तक संभव हो सकता है, क्योंकि बिना रोग का निर्णय किये आप प्राथमिक चिकित्सा भी नहीं दे सकते ऐसी स्थिति में निम्न प्रकार से समझ सकते हैं:-

  1. स्थिति वर्णन:- जहाँ पर व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, वहाँ की स्थिति को देखकर रोग के बारे में पता लगा सकते हैं, जैसे कि उसके पास यदि क्षतिग्रस्त वाहन है तो वह एक्सीडेंट का मामला हो सकता है यदि उसके पास शीशी पुड़िया आदि डला है, तो इससे पता चलता है, कि उसने नशा आदि किया है, जबकि गले में फंदा आदि दिखे तो उससे दम घुटने का पता कर सकते हैं।
  2. लक्षण:- जब कोई भी व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो उसकी जो स्थिति होती है उसके लक्षणों को देखकर भी रोग या उसकी दशा का पता लगाया जा सकता है जैसे रक्तस्राव होना, छटपटाना किसी अंग का क्रियाशील ना होना सूजन आ जाना आदि।

आराम की स्थिति में रखना:- प्राथमिक चिकित्सा का सिद्धांत होता है, कि मरीज को सबसे पहले आराम की स्थिति प्रदान करना, जिससे उसकी स्थिति बिगड़े ना और उसको अनावश्यक हिलाना डुलाना नहीं चाहिए।

खतरे से बाहर करना:- सबसे पहले जो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति हो उसकी स्थिति को देखा जाता है, रोग का निर्णय कर लिया जाता है, इसके पश्चात उसके जीवन को खतरे से बाहर करने का प्रयास किया जाता है, 

जैसे की कोई जीव जंतु के काटने पर ट्यूनिकेट Tunicate बांध दी जाती है, वहीं श्वास बंद होने पर उसको कृत्रिम श्वास भी दी जाती है, विष खा लेने पर उसको उल्टी कराई जाती है, जबकि हड्डी टूट जाने पर झोल आदि बांध दिया जाता है।

उपलब्ध सामग्री का उपयोग और डॉक्टरी चिकित्सा :- जो भी उस समय उपलब्ध प्राथमिक चिकित्सा सामग्री है उसका उचित प्रकार से उपयोग करना चाहिए इसके पश्चात तुरंत ही डॉक्टरी चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए एंबुलेंस या फिर पास के चिकित्सक के पास उस दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को ले जाना चाहिए।

प्राथमिक चिकित्सक के गुण Qualities of first doctor

प्राथमिक चिकित्सा देना भी इतना आसान नहीं है, कि कोई भी इसको दे सकता है, इसलिए प्राथमिक चिकित्सा देने से पहले प्राथमिक चिकित्सा के बारे में ज्ञान प्राथमिक चिकित्सा सामग्री तथा किस प्रकार से प्राथमिक चिकित्सा किस स्थिति में देना है इसकी जानकारी होना चाहिए यहां पर कुछ प्राथमिक चिकित्सा के गुण बताए गए हैं, जो निम्न प्रकार से हैं:- 

  1. ज्ञान तथा स्वास्थ्य :- सबसे पहले तो बात यह है, कि जो प्राथमिक चिकित्सक होता है, उसको प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान होना चाहिए जैसे की पट्टी बांधना, ट्यूनिकेट बांधना, झोल बांधना, आदि इसके पश्चात वह एक स्वस्थ व्यक्ति हो क्योंकि जो निर्बल है उससे प्राथमिक चिकित्सा की आशा नहीं की जा सकती।
  2. मधुर व्यवहार सामाजिकता का गुण :- जो प्राथमिक चिकित्सक होता है उसका व्यवहार मधुर और उसको व्यवहार कुशल और दयालु होना चाहिए उसके पास ऐसी कला होना चाहिए कि वह आत्मीय जनों को धैर्य बंधा सके जबकि उसे विश्वासपात्र भी होना चाहिए, ताकि उसको अन्य लोगों का भी सहयोग प्राप्त हो सके।
  3. होशियार और बुद्धिमान :- प्राथमिक चिकित्सक को इतना होशियार और बुद्धिमान होना चाहिए, कि वह तुरंत ही घायल व्यक्ति की अवस्था तथा उस स्थिति में पहुंच जाए, कि उसको किस प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराना है।
  4. कुशल और धैर्यवान :- प्राथमिक चिकित्सा का यह गुण बहुत आवश्यक होता है, कि वह प्राथमिक चिकित्सा में निपुण हो, वह इस प्रकार का हो कि वह किसी को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करा सके और बिना घबराए हुए क्योंकि कुछ स्थिति ऐसी होती हैं, कि लोग घबडा जाते हैं,  ऐसी स्थिति में प्राथमिक चिकित्सक का घबराना बड़ी ही मुश्किल पैदा कर सकता है।

प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यक सामग्री Essential first aid supplies

प्राथमिक चिकित्सा करने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों और औषधीय की जरूरत होती है और इन सामग्रियों को तथा औषधीय को एक डिब्बे में रखा जाता है क्योंकि जब कोई दुर्घटना हो तो इन औषधीयों और सामग्रियों की खोज इधर-उधर ना करना पड़े, जिसे डिब्बे में इनको रखा जाता है, 

उसको फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid Box) के नाम से जाना जाता है। प्राथमिक चिकित्सा की सामग्री के रूप में कई सारी महत्वपूर्ण आवश्यक सामग्री होती है, जैसे कि स्वच्छ रुई पट्टी कैची सेफ्टी पिन चाकू चिमटी चम्मच गिलास सुई धागा गर्म पानी की थैली दिया सिलाई बर्फ की थैली ट्यूनिकेट थर्मोमीटर इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण औषधी जैसे की अमृत धारा 

जैतून का तेल नौसादर आयोडेक्स बरनोल पोटैशियम परमेँगमेन्ट बोरोलीन ग्लिसरीन फिटकरी टिंचर आयोडीन आदि इसके साथ कुछ दर्द ज्वर निवारक औषधियां जैसे की ब्रूफेन पेरासिटामोल आदि सब प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यक सामग्री के रूप में आती हैं।

दोस्तों यहाँ पर आपने प्राथमिक चिकित्सा किसे कहते हैं (Prathmik chikitsa kise kahate hain) प्राथमिक चिकित्सा क्या है? प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ, प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा, प्राथमिक चिकित्सा के उद्देश्य, प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत, प्राथमिक चिकित्सक के गुण आदि पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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