कवक के मुख्य लक्षण Kavak ke Mukhya lakshan
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस लेख कवक के मुख्य लक्षण (Main symptoms of fungus) में। दोस्तों यहां पर आप कवक का वर्गीकरण के साथ ही कवक किसे कहते हैं
कवक के 5 लक्षण, कवक के 4 लक्षण, कवक जगत के मुख्य लक्षण के साथ ही विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जान पाएंगे तो लिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख कवक के मुख्य लक्षण :-
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कवक किसे कहते हैं What is fungus
पादप जगत के वर्ग थैलोफाइटा (Thallophyta) के अंतर्गत आने वाले वे पादप पर्ण हरिम अर्थात क्लोरोफिल उपस्थित नहीं होता है, जबकि संवहन ऊतक भी इनमें नहीं होते हैं, उनको कवक कहा जाता है। यह एक तरह से साधारण पादप होते हैं,
जो अपने पोषण के लिए विभिन्न पशु पक्षियों पेड़ पौधों जीव जंतुओं पर निर्भर करते हैं, इनमें भोजन ग्लाइकोजन के रूप में उपस्थित रहता है। कवको का अध्ययन माइकोलॉजी (Mycology) कहलाता है।
साधारण भाषा में कहा जा सकता है, कि वे समस्त पादप जिनमें भोज्य पदार्थ के संवहन के लिए संवहन उत्तक नहीं पाए जाते हैं, जबकि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के द्वारा भोजन का निर्माण इनमें नहीं होता है उनको कवक कहा जाता है।
कवक की परिभाषा Definition of fungus
वे पादप संवहन ऊतक तथा हरितलवक रहित समकेंद्रीय विविधपोषी युकैरियोटिक जीव जिसमें खमीर , जंग , स्मट , फफूंदी , मोल्ड और मशरूम आदि लगभग 1.5 लाख प्रजातियाँ आती है, कवक होते है।
कवक का आवास Fungus habitat
कवक दुनिया के हर एक क्षेत्र में पाए जाने वाले सरल पादप होते हैं। यह गर्म जल के साथ ही स्वछ जल और ठंडे जल में नदियों में तालाबों में गर्म स्थान पर नमी वाले स्थान पर समुद्री जल में स्थल पर चट्टानों पर पर्वतों पर हर जगह पाए जाते हैं, अर्थात वे समस्त स्थान जहाँ पर जीवित और मृत कार्बनिक पदार्थ उपस्थित होते हैं उन सब स्थान पर कवक पाए जाते हैं।
कवको में पोषण Nutrition in Fungus
कवको में तीन प्रकार का पोषण देखने को मिलता है इसलिए पोषण के आधार पर कवक तीन प्रकार के होते हैं:-
- सहजीवी (Symbiotic) :- यह वे कवक होते हैं, जो एक दूसरे के साथ उगते हैं और एक साथ रहकर जीवन यापन करते हैं, एक दूसरे को लाभ पहुंचाते हैं, इस प्रकार से उनके जीवन को सहजीविता और इस पोषण को सहजीवी पोषण के नाम से जाना जाता है। उदाहरण :- लाइकेन
- परजीवी (Parasite) :- यह वे कवक होते हैं, जो अपने भोजन के लिए पूरी तरीके से जीवित जंतुओं पर निर्भर करते हैं अर्थात यह पादप अपना भोज्य पदार्थ जीवित जंतुओं से प्राप्त करते हैं और अधिकतर यह हानिकारक ही होते हैं उनको परजीवी के नाम से जाना जाता है। उदाहरण :- अस्टिलागो
- मृतोपजीवी (Saprophytes) : कुछ कवक ऐसे भी होते हैं, जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थ से प्राप्त करते हैं, जिनको मृतोपजीवी कहा जाता है और यह पोषण मृतोपजीवी पोषण कहलाता है। उदाहरण :- मोर्चेला
कवक का आर्थिक महत्व Economic importance of fungi
कवक एक तरफ से तो लाभदायक भी होते हैं और दूसरी तरफ हानिकारक भी होते हैं अतः दोनों की दृष्टि से देखा जाए तो अलग-अलग महत्व है :-
लाभदायक कवक Beneficial fungi
- कवको का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है, विघटन करना यह बड़े-बड़े कार्बनिक पदार्थ को छोटे-छोटे सरल कार्बनिक पदार्थ में विघटित कर देते हैं तथा पर्यावरण के लिए यह बहुत ही लाभदायक होते हैं।
- कुछ ऐसे कवक जो खाने में भी प्रयोग में लाये जाते हैं जैसे कि "एगरिकस छत्रक" इसका उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है।
- कई उद्योग ऐसे होते हैं, जिनमें कवको की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है जैसे की यीस्ट का प्रयोग बेकरी उद्योग में डबल रोटी बनाने में किया जाता है, तो वहीं पर पेनिसिलियम तथा एस्परजिलस का उपयोग पनीर उद्योग में किया जाता है।
- कवको का उपयोग विभिन्न प्रकार के एसिड बनाने में भी होता है एस्परजिलस, म्यूकर का उपयोग साइट्रिक अम्ल को बनाने में किया जाता है, तो एस्परजिलस गेलोमाइसीज तथा पेनिसिलियम का उपयोग गैलिक अम्ल के निर्माण में होता है। एस्परजिलस नाइजर से ग्लूकॉनिक अम्ल तो वहीं पर राइजोपास निग्रीकेंस का उपयोग फ्यूमैरिक अम्ल के निर्माण में होता है।
- कवको से विभिन्न प्रकार के एंजाइम और विटामिन का भी संश्लेषण और निर्माण होता है, एस्परजिलस औरईजी से एमाइलेज एंजाइम, जबकि यीस्ट से इनवर्टेज एंजाइम का निर्माण हो जाता है। स्ट्रेप्टोमाइसीज ग्रिसीकस के द्वारा विटामिन B12 का निर्माण जबकि यीस्ट का उपयोग विटामिन D के संश्लेषण में होता है वही असविया गोसीपा विटामिन बी2 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कवको के द्वारा कई प्रकार की एंटीबायोटिक दवाइयों का निर्माण किया जाता है, जैसे कि पेनिसिलिन क्लोरोमायसिन स्ट्रेप्टोमाइसिन आदि कई एंटीबायोटिक दवाइयाँ है, जिनका निर्माण कवक के द्वारा ही हुआ है।
हानिकारक कवक Harmful fungi
- कवको की कुछ ऐसी हानिकारक प्रजातियाँ होती हैं, जो भोजन को विषाक्त बनती हैं तथा कुछ ऐसी भी होती हैं जो भोजन को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं, जबकि रोजमर्रा में उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं को भी कुछ प्रजातियाँ नष्ट कर सकती हैं।
- दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले सामान जैसे की कपड़ा चमड़े कागज लकड़ी आदि को कवक नमीयुक्त वातावरण में नष्ट कर देते हैं।
- कुछ कवक ऐसे होते हैं, जो विषाक्त होते हैं उदाहरण मशरूम कुछ मशरूम ऐसे होते हैं जिनमें विष होता है लेकिन साधारण मशरूम की तरह ही दिखाई देते हैं, और जीव जंतु जानवर इनका भक्षण करते ही मर जाते हैं। उदाहरण अमिनेट फेलोरडीस लूसुला आदि।
- पेड़ पादपो में तथा विभिन्न प्रकार की फसलों कई घातक रोग होते है, उन रोगों में कवक द्वारा विभिन्न प्रकार के रोग होते हैं, जैसे कि सरसों का सफेद किट्ट रोग, मूंगफली का टिक्का रोग आलू का अंगमारी रोग, गन्ने का लाल सड़न रोग चने का बिल्ट रोग सेब का सड़ना, गेहूँ का ढीला रोग, आदि अनेक प्रकार के पादप रोग होते हैं, जो कवको के द्वारा ही फैलते हैं।
- जीव जंतुओं तथा मनुष्य में भी विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण कवक ही होते हैं जैसे, कि मनुष्य में जो फेफड़ों का रोग होता है, जिनको एस्परजिलेसिस कहां जाता है वह कवक के द्वारा ही होता है, जबकि दाद मेनिंजाइटिस हिप्टोप्लाज्मो आदि कई रोगों का कारण कवक होते हैं। ऐसे ही जानवरो मैं विभिन्न प्रकार के रोग जैसे एपलफुट, एस्परजिलोसिस म्यूकारो माइकोसिस आदि सब का कारण कवक ही होते है :-
यहाँ पर कवक के मुख्य लक्षण (Main symptoms of fungus) कवक के 5 लक्षण, कवक के 4 लक्षण, कवक जगत के लक्षण आदि पढ़ा आशा करता हुँ, आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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